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सरहुल हमारी संस्कृति, परंपरा और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है : मंत्री

कसमार प्रखंड के बेमरोटांड़ एवं पेटरवार प्रखंड के झिरके में आयोजित सरहुल-बाहा पूजा में शामिल हुए मंत्री योगेंद्र महतो

कसमार/पेटरवार (बोकारो)। कसमार प्रखंड अंतर्गत बरईकला पंचायत के बेमरोटांड जेहरा स्थल में रविवार को वार्षिक बाहा बोंगा सरहुल महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से मंत्री पेयजल एंव स्वच्छता तथा उत्पाद एवं मध निषेध योगेन्द्र प्रसाद महतो शामिल हुए। मंत्री श्री महतो ने जेहरा स्थल पर मत्था टेक क्षेत्र की खुशहाली की कामना की। इस दौरान मंत्री योगेंद्र महतो ने कहा कि सरहुल पर्व प्रकृति और मानव के बीच अटूट संबंध को दर्शाता है। सरहुल केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और प्रकृति के प्रति सम्मान का प्रतीक भी है। हमें चाहिए कि हम इस पर्व की मूल भावना को अपनाएँ और पर्यावरण रक्षा की दिशा में सक्रिय योगदान निरंतर देते रहें। आज जब पर्यावरण संकट गहरा रहा है, सरहुल हमें प्रकृति संरक्षण का संदेश देता है। हमें अपने जंगल, नदियाँ और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस सुंदर धरा का आनंद ले सकें। कहा कि प्रकृति के उपासक और रक्षक संथालियों की परंपरा बेमिसाल है। इस दौरान वे पारंपरिक व सांस्कृतिक नृत्य और गीत में भी शामिल हुए।

मौके पर मंत्री के आप्त सचिव उमेश महतो, प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष दिलीप हेम्ब्रम, मनोहर मूर्मू, सिकंदर कपरदार, प्रकाश महतो, मांझी हडा़म हरिचंद किस्कु, राम किष्टो सोरेन, महावीर हेम्ब्रम, लोबिन हेम्ब्रम, अनु हेम्ब्रम, करमचंद किस्कु, शंकर बास्के, राजनाथ हेम्ब्रम, मंतोष बास्के, उमेश किस्कु, राजू हेम्ब्रम, लालमोहन हेम्ब्रम आदि उपस्थित थे।

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