
बोकारो आजतक डेस्क
हेमंत महतो ‘हिंदिइआर’
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने आखिरकार बोकारो पावर सप्लाई कंपनी को चेतावनी के लिए 2.05 करोड़ का जुर्माना लगाते हुए शो कॉज नोटिस भेजा है। यह कार्रवाई पिछले आदेशों के अनुपालन में विफलता और 685 दिनों तक चलने वाले पर्यावरणीय उल्लंघनों के मद्देनजर की गई है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव राजीव लोचन बख्शी ने पुष्टि की कि अब बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड को 2.05 करोड़ का पर्यावरणीय मुआवजा भरना पड़ सकता है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड के फ्लाई ऐश तालाब पूरी तरह से भर चुके है, जिससे उनका आगे निपटान असंभव हो गया है। इसके अलावा, कंपनी द्वारा राख युक्त अपशिष्ट जल को बिना उपचार के बोकारो स्टील प्लांट के कूलिंग तालाब में छोड़ा जा रहा है, जिससे जल शुद्धिकरण प्रणाली की कार्यक्षमता और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।
संयंत्र निरीक्षण और प्रारंभिक जुर्माना बोकारो स्टील सिटी स्थित यह पावर प्लांट 358 मेगावाट बिजली और 300 मेगावाट घंटे स्टीम उत्पादन के लिए स्वीकृत है। 8 अक्टूबर, 2022 को एक निरीक्षण में संयंत्र द्वारा पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन सामने आया था। इसके आधार पर झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डने शुरूआत में 71.32 लाख का पर्यावरणीय दंड प्रस्तावित किया था। बोकारो पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड ने 27 अप्रैल, 2023 को एक पत्र के जरिए राख निपटान और तालाब रखरखाव में सुधार का आश्वासन दिया था। 9 मई, 2023 को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पुनः निरीक्षण किया, लेकिन उसके बाद भी कंपनीने कंपनी ने न तो मुआवजा भरा और न ही कोई प्रगति रिपोर्ट दी।
सरयू राय ने उठाया था विधानसभा में मामला:

7 मार्च, 2025 को झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तीन सदस्यीय टीम ने फ्लाई ऐश और कूलिंग तालाबों का निरीक्षण किया। यह मामला झारखंड विधानसभा में पश्चिमी सिंहभूम के विधायक सरयू राय ने उठाया था, जो अधीनस्थ विधान समिति के अध्यक्ष हैं। उन्होंने खुद ऐश पोंड और कूलिंग पोंड जाकर देखा था और स्तिथि को चिंताजनक बताया था। उन्होंने फ्लाई ऐश से होने वाले स्वास्थ्य खतरों का हवाला देते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की थी।
निरीक्षण में मिले गंभीर उल्लंघन :
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति ने 7 मार्च, 2025 को साइट निरीक्षण किया। समिति ने पाया कि तालाब उए और उबी पूरी तरह से राख से भर चुके हैं और उपयोग के योग्य नहीं हैं। तालाब 4ए ही केवल राख घोल स्वीकार कर रहा था। स्पिलवे की सफाई के बावजूद, स्थानीय हस्तक्षेप के चलते राख की निकासी बाधित थी। निरीक्षण टीम ने यह भी पाया कि राख तालाबों का मिश्रित प्रवाह बोकारो स्टील प्लांट के कूलिंग तालाब नंबर 2 में मोड़ दिया गया था, जो अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण के लिए आरक्षित है। फ्लाई ऐश के अल्ट्राफाइन कण सतह पर तैरते दिखे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि सिस्टम राख से भरे अपशिष्ट जल को सही ढंग से ट्रीट नहींकर पा रहा है।
