मंत्री योगेंद्र प्रसाद के पहल पर विशाखापत्तनम के नीजी कंपनी द्वारा बंधक बनाये गये कसमार प्रखंड के 13 मजदूरों की हुई सकुशल घर वापसी

Kasmar/Bokaro :  आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के एक नीजी कंपनी में बंधक बनाकर जबरन कार्य लिये जा रहे कसमार प्रखंड के सिलीसाड़म निवासी 13 श्रमिकों की 48 घंटे के अंदर सकुशल घर वापसी हो गयी है। स्थानीय विधायक सह मंत्री योगेंद्र प्रसाद  को परिजनों ने इस मामले की जानकारी दी थी।  उन्होंने तत्काल संबंधित विभागों एवं प्रशासनिक स्तर पर गंभीर पहल करते हुए लगातार समन्वय और निगरानी के बाद सभी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करायी।

बुधवार सुबह रांची लौटने के उपरांत सभी श्रमिक मंत्री  के रांची स्थित आवास पहुँचे और उनसे भेंट कर अपनी व्यथा साझा की। श्रमिकों ने भावविभोर होकर मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि उनके प्रयास से वे सकुशल घर लौटे हैं। 

 राज्य सरकार अपने प्रत्येक नागरिक के साथ मजबूती से खड़ी है और उनकी सुरक्षा एवं अधिकारों की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी परिस्थिति में राज्य के श्रमिकों को असुरक्षित महसूस नहीं होने दिया जाएगा।  मंत्री ने श्रमिकों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी तथा भविष्य में उनकी आजीविका के लिए आवश्यक सहायता और सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लगातार ऐसे मामलों पर गंभीरता से नज़र रख रही है ताकि भविष्य में किसी भी श्रमिक को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। मंत्री  ने रांची से सिल्लीसाड़म तक सभी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी के लिए विशेष बस की व्यवस्था की और उन्हें उनके गाँव के लिए रवाना किया। 

बता दें कि कसमार प्रखंड के सिल्ली साड़म निवासी अनिल किस्कू, अरविंद हेंब्रम, धर्मराज किस्कू, प्रेम कुमार हेंब्रम, जगदेव किस्कू, सुभाष किस्कू, सुधाकर हांसदा, राजेंद्र हेंब्रम, सुनील मरांडी, विमल सोरेन, संदीप सोरेन, अजीत टुड्डू एवं मुटु सोरेन को विशाखापत्तनम के एक नीजी कंपनी द्वारा बंधक बनाकर जबरन कार्य कराया जा रहा था।

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