वन पर्यावरण सुरक्षा सह प्रबंधन समिति ने वन बचाव को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीकीर्तिवर्धन को सौंपा ज्ञापन

  • तत्कालीन बिहार सरकार 1990 में गठित वन समितियों को पुनः सक्रिय कराने का आग्रह
  • सीसीएल कारो परियोजना द्वारा अधिग्रहीत वन भूमि में समिति द्वारा बचाये गये हजारों पेड़ो की कटाई पर भी कराया ध्यान आकर्षित

कसमार। केंद्रीय वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री श्रीकीर्ति वर्धन सिंह का बोकारो जिले के आकांक्षी प्रखंड कसमार प्रखंड के भ्रमण के दौरान सोमवार को उत्तरी छोटानागपुर केंद्रीय वन, पर्यावरण सुरक्षा सह प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष विष्णुचरण महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन के संबंध में उपाध्यक्ष विष्णु चरण महतो ने बताया कि तत्कालीन बिहार सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग के संकल्प संख्या 5244/ व०प० दिनांक 08/11/1990 के कण्डिका 17,18 एवं 19 के तहत ग्राम वन प्रबन्धन सह संरक्षण समिति को वन से आधारित वनोपजों का विपणन में 90 प्रतिशत अधिकार वर्णित है। तथा वनों की संरक्षण का दायित्व ग्रामीणों (समिति) को दिया गया है। जिसके तहत समिति के अध्यक्ष तथा विभाग के वनपाल (सचिव) का संयुक्त खाता से वनों की विकास का कार्य करना है। आज झारखण्ड में 10000/ दस हजार से अधिक समिति गठित है। तथा वनों की सुरक्षा का कार्य किया जा रहा है। किन्तु विभाग की अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने तथा सरकार की संकल्प का अनुपालन नही होने से संयुक्त ग्राम वन प्रबन्धन समिति निष्क्रिय होते जा रही है। बोकारो वन प्रमण्डल के अंतर्गत सीसीएल कारो परियोजना का विस्तार हेतु 558 एकड वन भूमी का एनओसी दिया गया है। जिसमें समिति के द्वारा बचाया गया लाखों पेड़ कटेंगे। किन्तु समिति से किसी तरह का राय या आमसभा से अनुमोदन नही किया गया है। इस तरह से सरकार का संकल्प कहीं पर भी लागु नहीं दिखता है। इस पर राज्यमंत्री ने ज्ञापन को गंभीरता से लेकर निराकरण करने की बात कही है। प्रतिनिधिमंडल में आनंद महतो, गंगाधर महतो समेत अन्य शामिल थे।

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