- बंद को भाजपा-आजसू जेएलकेएम समेत तमाम विस्थापित संगठनों ने किया समर्थन,
- छिटपुट मारपीट आगजनी के घटनाओं के बीच बंद रहा ऐतिहासिक एवं पूर्ण सफल
बोकारो आजतक डेस्क
बोकारो स्टील प्लांट में नियोजन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे विस्थापित अप्रेंटिस संघ के युवक की सीआईएसएफ के लाठीचार्ज से मौत के बाद आक्रोशित विस्थापितों ने शुक्रवार को बोकारो बंद का आवाह्न किया। छिटपुट घटनाओं के साथ बंदी ऐतिहासिक रहा। बताया जाता है कि बीएसएल स्थापना काल के बाद पहली बार ऐसी संपूर्ण बंदी देखी गई है। बीएसएल प्रशासनिक भवन (एडीएम ब्लिडिंग) बिरसा चौक नया मोड़, रामडीह मोड़, सेक्टर- 4, सेक्टर -9, सेक्टर -6, लक्ष्मी मार्केट, सिटी सेंटर, उकरीद मोड़, गरगा पुल, दुंदीबाजार, आइटीआइ मोड़, जोधाडीह मोड़, तेलमोच्चो ब्रीज, सिवनडीह, कुर्मीडीह, बालीडीह, जैनामोड़ , तुपकाडीह समेत तमाम मार्केट सेंटरों में बंद असरदार रहा। बीएसएल की स्थापना के बाद पहली बार बीएसएल के मुख्य द्वार समेत सभी 11 गेट बंद रहे। नया मोड़ से चलने वाली लंबी दूरी के बसें नहीं चली तो मालक वाहक वाहन पुरी तरह से ठप रही। बोकारो के सभी पेट्रोल पंप भी बंद रहे।

बीजीएच के सामने एक इलेक्ट्रो स्टील के स्कूल बस को जलाने दी गई है। तो दुंदी बाजार में बंद कराने गये एक बंद समर्थक की दुकानदार के साथ झड़प हो गई दुकानदार द्वारा बंद समर्थक की बुलेट वाहन को आग लगा कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिससे दुंदी बाजार में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि प्रशासन लगातार कैंप कर स्थिति पर नजर रखी हुई है।
बंद समर्थक सुबह से ही लाठी डंडे एवं हथियार से लैस युवक काफी गुस्से एवं आक्रोश में दिखाई दे रहे थे। एडीएम ब्लिडिंग मुख्य द्वार के समक्ष बंद समर्थकों ने आग लगाकर गेट एवं सड़क जाम कर दिया। मुख्य सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है।


बोकारो -रामगढ़ हाईवे पर लगा वाहनों का कतार