सारहूल पूजा के अवसर पर मंजूरा में पांता नाच का हुआ आयोजन
बोकारो आजतक संवाददाता
कसमार (बोकारो) : कसमार प्रखंड के मंजूरा गांव में सारहूल पूजा के अवसर पर आदिवासी कुड़मि समाज मंजूरा के द्वारा शुक्रवार रात को रंगारंग कुड़मालि झुमइर एवं पांता नाच कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कुड़मि कुड़मालि पुनर्जागरण अभियान के विशेषज्ञ दीपक पुनरिआर ने कहा कि कुड़मि जाति नहीं विशुद्ध रूप से जनजाति है। अपनी विशिष्ट संस्कृति को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। तभी कुड़मि जनजाति की पहचान सुरक्षित रहेगा। संजय पुनरिआर ने कि सरकारी दस्तावेज एवं हमारी विशिष्ट जनजातीय लक्षण बता रहा है कि कुड़मि जाति नहीं बल्कि जनजाति है। लेकिन इसके बावजूद सरकार कुड़मि को जनजाति की सूची में शामिल नहीं कर रही है। इसके लिए और संघर्ष करने की जरूरत है। इस दौरान पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध कुड़मालि शिल्पी गोविंद लाल हसतुआर अंजना महतो एवं बिहारी लाल महतो ने कुड़मालि गीतों की शानदार प्रस्तुति कर रातभर समा बांधे रखा। कार्यक्रम में पूर्व विधायक लंबोदर महतो, जेलकेएम नेत्री पूजा महतो, जिप सदस्य अमरदीप महाराज, स्थानीय मुखिया ममता देवी भी शामिल रही। मौके पर टुपकेश्वर केसरिआर, मिथिलेश केटिआर, प्रवीण केसरिआर, उमाचरण गुलिआर, सहदेव टिडुआर, पीयूष बंसरिआर समेत अन्य युवा शामिल थे।

