Bokaro: बरलंगा से कसमार भाया नेमरा पथ चौड़ीकरण एवं मजबुतीकरण परियोजना के तहत कसमार अंचल में लगभग तीन दर्जन से अधिक विभिन्न सरकारी विभाग की निर्मित संरचनाओं को अधिग्रहित की गई है। लेकिन भू-अर्जन कार्यालय बोकारो द्वारा एक आरटीआई कार्यकर्ता के जबाव में एक भी सरकारी संरचनाओं को अधिग्रहित नहीं करने की बात कही गई है। जब आरटीआई कार्यकर्ता सह जेएलकेएम के केंद्रीय संगठन सचिव भुनेश्वर महतो ने कसमार अंचल अंतर्गत चौड़ा मौजा से कसमार तक मुआयना किया तो तीन दर्जन सरकारी योजनाओं होने की बात सामने आयी है। इनमें चौड़ा मौजा में यमुना मांझी के माड़ा योजना द्वारा निर्मित दो सिंचाई कूप तथा बगदा एवं जामकुदर मौजा में एक एक मनरेगा योजना द्वारा निर्मित सिंचाई कूप को मिट्टी भर सड़क निर्माण कर दिया गया है। इन योजनाओं का मुआवजा राशि लाभुक को भुगतान हुआ या संबंधित विभाग को इसकी जानकारी भी गुप्त रखी जा रही है। इसके अलावा सूदी चौक के पास सौलर आधारित जलमिनार खुदीबेड़ा मौजा में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा अधिष्ठापित सात नलकूप भी अधिग्रहण में शामिल है। मंजूरा मौजा में चार सौलर आधारित जलमिनार एवं नलकूप तथा हरिजन टोला में सामुदायिक भवन, मंजूरा में स्वास्थ्य उपकेंद्र का चहारदीवारी व गेट तथा कब्रिस्तान का चहारदीवारी व गेट शामिल है। वहीं गर्री मौजा में बजरंगबली मंदिर के सामने हाल में विधायक मद द्वारा बना यात्री शेड भी अधिग्रहण में शामिल हैं। ये योजनाएं अब भी नहीं हटी है जिसके कारण सड़क निर्माण कार्य बाधित है। जिसका मुआवजा सीधे संबंधित विभाग को मिलने का प्रावधान है। लेकिन जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को यह सब मालूम नहीं है।

