लुगु बुरू में बढ़ते हिंदू धार्मिक अतिक्रमण पर जतायी चिंता
Petarwar (Bokaro) : आदिवासी सेंगेल अभियान के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू ने कहा कि जिस तरह मरांग बुरू (पारसनाथ पहाड़) पर सरकार ने उदासीनता दिखाई, उसी तरह अब लुगुबुरु घंटा बाड़ी सरना धर्मगढ़ का अस्तित्व भी खतरे में है। सोमवार को पेटरवार बाजार टांड में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि 3 से 5 नवंबर तक लुगुबुरु घंटा बाड़ी में धर्म महासम्मेलन आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।देवनारायण मुर्मू ने कहा कि मुख्यमंत्री पिछले 25 वर्षों से इस धार्मिक स्थल पर अतिथि के रूप में शामिल होते रहे हैं, लेकिन आज तक उन्होंने प्रकृति पूजक आदिवासियों को सरना धर्म कोड दिलाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है। उन्होंने आरोप लगाया कि लुगुबुरु घंटा बाड़ी धर्मगढ़ में अतिक्रमण लगातार बढ़ रहा है, जिस पर न तो सरकार और न ही समिति द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि संताली भाषा को केंद्र से एनओसी (NOC) मिलने के बावजूद राज्य की पहली राजभाषा घोषित नहीं किया गया, जबकि यह झारखंड की सबसे बड़ी आदिवासी भाषा है। मुर्मू ने चेतावनी दी कि यदि धर्म महासम्मेलन में इन ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई, तो यह आदिवासी समाज के साथ धोखा और वोट बैंक की राजनीति साबित होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे मरांग बुरू को जैनों को सौंपा गया, उसी तरह लुगुबुरु घंटा बाड़ी धर्मगढ़ को हिंदुओं को सौंपने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सेंगेल अभियान लुगुबुरु के अतिक्रमण के खिलाफ जोरदार आंदोलन करेगा। मौके पर चन्द्र मोहन मार्डी, हरिश्चंद्र मुर्मू, ललिता सोरेन, संतोष सोरेन, बिशेश्वर मुर्मू, विजय कुमार मार्डी, महेंद्र मुर्मू समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे।
#LuguBuru #SarnaDharma #SengelAbhiyan #DevanarayanMurmu #Petarwar #JharkhandNews

