- बिजली विभाग के कर्मीयों की मेहरबानी ऐसी की एक उपभोक्ता के 3 लाख रूपये के बकाया बील को हेराफेरी कर दिया मात्र 7 हज़ार रूपये
- विद्युत चोरी, बिजली बिल में हेराफेरी तथा विभागीय सामग्रियों की अवैध बिक्री जैसी गंभीर गतिविधियाँ की निरन्तर आ रही शिकायत
Bokaro : जी हां दोस्तों! बिजली उपभोक्ताओं एवं विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से बेधड़क राजस्व की चोरी कराये जा रहे हैं। जिससे बिजली विभाग को प्रति माह लाखों रूपये की क्षति हो रही है।
बोकारो जिले के तेनुघाट विद्युत प्रमंडल अंतर्गत पेटरवार में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक पिछले 25 अक्टूबर को बोकारो उपायुक्त के निर्देशानुसार बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा बिना विभागीय अधिकारियों को सूचित किए औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान उपभोक्ता संख्या-PTD-7720 के नाम से लगभग ₹3,30,360/- (तीन लाख तीस हजार तीन सौ साठ रुपये) का बकाया बिजली बिल पाया गया, जिस पर पेटरवार थाना में प्राथमिकी भी दर्ज की गई।
किन्तु उसके पश्चात विद्युत विभाग के कुछ कर्मचारियों ने उक्त उपभोक्ता से लगभग ₹1,50,000/- (एक लाख पचास हजार रुपये) रिश्वत के रूप में लेकर बिल राशि में हेराफेरी की और उसे घटाकर मात्र ₹7,727/- (सात हजार सात सौ सत्ताईस रुपये) कर दिया। इतना ही नहीं, साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से वहाँ लगा हुआ बिजली मीटर भी खोलकर ले जाया गया।
बोकारो जिले के तेनुघाट विद्युत प्रमंडल लंबे समय से विभागीय कर्मचारियों एवं कुछ उपभोक्ताओं की मिलीभगत से विद्युत चोरी, बिजली बिल में हेराफेरी तथा विभागीय सामग्रियों की अवैध बिक्री जैसी गंभीर गतिविधियाँ निरंतर रूप से सामने आती रही हैं। इन अवैध कार्यों के कारण झारखण्ड बिजली वितरण निगम लिमिटेड को लाखों रुपये का राजस्व नुकसान झेलना पड़ रहा है। परंतु खेद की बात यह है कि इन गंभीर अनियमितताओं में लिप्त कर्मचारियों पर अब तक किसी भी प्रकार की ठोस एवं प्रभावी क़ानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण न केवल विभाग की साख पर प्रश्नचिन्ह लग गया है, बल्कि ऐसे कर्मचारी लगातार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी क्रम में
ऐसी घटनाएँ अत्यंत गंभीर हैं और निगम की छवि को धूमिल करती हैं। अतः आपसे निवेदन है कि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जाँच कराते हुए संबंधित दोषी अधिकारियों एवं उपभोक्ता के विरुद्ध कठोर क़ानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाएँ पुनः न हों।

