
झारखंड हाईकोर्ट ने झारखंड क्षत्रिय पहाड़ा समिति की याचिका खारिज की
कुड़मि समाज की याचिका मेरिट पर सुनवाई के लिए तैयार
रांची। Jharkhand High Court झारखंड उच्च न्यायालय रांची में पिछले बुधवार को झारखंड एबओरिजनल कुड़मि पंच बनाम केंद्र सरकार और अन्य मामले की सुनवाई हुई। कुड़मि समुदाय की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से पूछा कि आखिर किस संवैधानिक प्रावधान या कानून के तहत कुड़मि समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सूची में डाला गया। अदालत ने केंद्र सरकार को इस संबंध में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। वहीं झारखंड क्षेत्रीय पहाड़ समिति द्वारा दायर एक याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। बुधवार को झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजेश शंकर की पीठ में याचिका पर सुनवाई हुई, यह याचिका झारखंड एबओरिजिनल कुड़मि पंच की ओर से दायर की गई थी। जिसमें केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की गई की कुड़मि समुदाय को ओबीसी सूची में रखने का संवैधानिक आधार क्या है। इस दौरान अजीत उरांव नामक व्यक्ति ने झारखंड क्षत्रिय पहाड़ा समिति की ओर से एक याचिका दायर कर आग्रह किया था की अदालत अपने 8 अप्रैल 2024 के आदेश को वापस ले उनका तर्क था की अदालत ने यह आदेश बिना झारखंड क्षत्रिय पहाड़ समिति को सुने पारित कर दिया था। हालांकि कुड़मि समाज की ओर से अधिवक्ता आकाशदीप ने अदालत में दलील दी कि उनकी रिट याचिका मूल रूप से केंद्र सरकार के खिलाफ है ना कि किसी निजी संगठन के। उन्होंने कहा कि कुड़मि समाज सिर्फ यह जानना चाहता है कि सरकार ने किस संवैधानिक प्रावधान के तहत उन्हें ओबीसी में शामिल किया है। यदि सरकार इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर दे देती है तो विवाद स्वेटर समाप्त हो जाएगा। अधिवक्ता ने अदालत को यह भी बताया कि बार-बार निर्देश देने के बावजूद केंद्र सरकार अब तक कोई जवाब दाखिल नहीं कर पाई है। इस पर अदालत ने झारखंड क्षत्रिय पहाड़ समिति की याचिका को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया और कुडमि समुदाय की याचिका को मेरिट के आधार पर सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। अगली सुनवाई का इंतजार अदालत ने केंद्र सरकार को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह कुड़मि समुदाय को ओबीसी में शामिल करने के संवैधानिक आधार को लेकर हलफनामा दाखिल करे।#KudmiST #JharkhandHighCourtRanchi