गोमिया पेटरवार व कसमार प्रखंड क्षेत्र में आयोजित सरहुल-बाहा पर्व पर शामिल हुए मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो
गोमिया/पेटरवार/कसमार (बोकारो) । सरहुल (बाहा) पर्व के अवसर पर शनिवार को सूबे के पेयजल एवं स्वच्छता तथा उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो गोमिया एवं पेटरवार प्रखंड अंतर्गत कई सारहुल पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। मंत्री श्री महतो सबसे पहले गोमिया प्रखंड के बड़की पुन्नू पंचायत के फुटकाडीह ऊपर टोला और नीचे टोला में आयोजित सरहुल पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। उसके बाद पेटरवार प्रखंड के तेनुघाट स्थित पिठोरिया एवं उलगड़ा में आयोजित सारहूल पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान स्थानीय लोगों के द्वारा मंत्री जी सरना संस्कति के परंपरागत तरीके से भव्य स्वागत किया गया। ग्रामीणों के साथ मंत्री श्री महतो मांदर की थाप पर थिकरते नजर आए। मौके पर उन्होंने सरना स्थल पर माथा टेककर क्षेत्र एवं क्षेत्रवासियों की सुख, शांति और वैभव की मंगलकामना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरहुल के प्राकृतिक और धार्मिक महत्व के अलावा यह सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। यह पर्व सामाजिक बंधन को प्रगाढ़ बनाता है। प्रकृति के साथ हमारा जुड़ाव और लगाव हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। हमारी संस्कृति हमें प्रकृति से जुड़कर रहने और सदैव इसका संरक्षण करने की प्रेरणा देती है। जहां आज दुनियाभर के लोग पर्यावरण को बचाने के तरीके ढूंढ रहे हैं वहीं प्रकृति की न सिर्फ रक्षा बल्कि उसकी पूजा करना हमारी सदियों पुरानी गौरवशाली परंपरा में निहित है।
मंत्री पुत्र राजकपूर ने कसमार एवं पेटरवार में आयोजित सारहूल पूजा में लिया हिस्सा

इधर पेयजल एवं स्वच्छता तथा उत्पाद एवं निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो के छोटे पुत्र राजकपूर ने गोमिया विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत कसमार प्रखंड के हिसीम पंचायत अंतर्गत त्रियोनाला एवं पेटरवार प्रखंड के धमना एवं मेरुदारु स्थित सरना स्थल में आयोजित सरहुल पूजा (बाहा पर्व) महोत्सव में शामिल हुए। बोंगा बुरू स्थल में मत्था टेका और क्षेत्र की सुख, समृद्धि की मंगलकामना की। उन्होंने फीता काटकर पारंपरिक सरहुल नृत्य आखरा का उद्घाटन किया। राज ने कहा कि प्रकृति को समर्पित बाहा पर्व आदिवासियों का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस खास दिन आदिवासियों का उल्लास और उत्साह देखते बनता है। आदिवासियों की परंपरा, संस्कृति में विश्व कल्याण का मंत्र निहित है, जब आज सम्पूर्ण विश्व ग्लोबल वार्मिंग जैसे खतरनाक समस्या के मुहाने पर खड़ा है तो सरहुल जैसे पर्व से प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण को लेकर बहुत कुछ अपनाया जा सकता है। उन्होंने आदिवासियों को सरहुल पर्व की बधाईयां भी दीं। इस दौरान बाहा पर्व समितियों ने राज कपूर का फूल माला और बुके भेंटकर पारंपरिक तौर तरीके से स्वागत एवं अभिनंदन किया।