- गोमिया विधायक सह मंत्री योगेंद्र प्रसाद महतो ने उपायुक्त बोकारो को लिखा पत्र ।
- बीएसएल दशकों से गरगा डैम के पानी का कर रहा व्यावसायिक इस्तेमाल।
- खुद इस्तेमाल करने के साथ-साथ रेलवे को भी बेच रहा पानी।
Bokaro : पेयजल एवं स्वच्छता, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने बोकारो उपायुक्त अजय नाथ झा को पत्र लिख कर बोकारो इस्पात संयंत्र प्रबंधन से बकाया जल-कर का एक हजार करोड़ रुपये वसूलने का निर्देश दिया है. यह जल-कर गरगा डैम के पानी का दशकों ने व्यावसायिक इस्तेमाल से जुड़ा है।
पत्र में कहा है कि बोकारो स्टील सिटी के अधीन स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के बोकारो इस्पात संयंत्र वर्ष 1967 से गरगा डैम के जल का स्वयं के उपयोग के साथ-साथ जल का व्यवसायीकरण कर रेलवे को बेच रहा है। मंत्री ने कहा है कि राज्य की नदियों पर संबंधित राज्य का पूर्ण स्वामित्व होता है। ऐसे में बोकारो इस्पात संयंत्र द्वारा गरगा नदी के रॉ-वाटर का उपयोग कर डैम के पानी का किये जा रहे व्यावसायिक उपयोग में राज्य सरकार को प्राप्त होने वाले जल-कर का अंश है, जिसका बकाया 1000 करोड़ रुपये से अधिक है।
कार्यपालक अभियंता तेनुघाट बांध प्रमंडल बोकारो द्वारा कई बार बोकारो इस्पात संयंत्र से जल-कर की बकाया राशि की प्राप्ति के लिए पत्राचार किया गया है।
जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़ रहा असर मंत्री श्री प्रसाद ने उपायुक्त को अवगत कराया है कि राज्य सरकार कर की वसूली से ही आमजनों के लिए जनकल्याणकारी योजनाओं को कार्यान्वित करती है। ऐसे में इतने बड़े औद्योगिक संस्थान पर जल-कर का लगभग एक हजार करोड़ से अधिक बकाया रहने से राज्य में जनकल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर असर पड़ रहा है। उन्होंने डीसी से इस्पात संयंत्र द्वारा कई वर्षों से गरगा डैम के जल का किये जा रहे व्यवसायीकरण की विस्तृत समीक्षा कर वर्ष 1967 से अब तक का बकाया जल-कर का आकलन कर राशि की वसूली की दिशा में विधि-सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए सरकार को अवगत कराने का निर्देशित किया है।



