
- धनबाद में डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी के बाद पेट में छोड़ दिया था प्लेसेंटा।
- 27 मई को एसएनएमएम-सीएच में कराया गया था मर्ती।
- सिजेरियन डिलीवरी से निशा ने दिया था बेटे को जन्म।
बोकारो आजतक डेस्क
Bokaro: एएनएमएमसीएच धनबाद में डॉक्टरों की लापरवाही से एक प्रसूता की जान चली गई। कसमार प्रखंड के चट्टी गांव निवासी 24 वर्षीय निशा दत्ता की रांची के रिम्स में गुरुवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। निशा को लगभग एक माह पहले सिजेरियन डिलीवरी के लिए धनबाद के शाहिद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में भर्ती कराया गया था, जहां डिलीवरी के बाद डॉक्टरों ने प्लेसेंटा (गर्भनाल का हिस्सा) पेट में ही छोड़ दिया था।
निशा के पति राजू दत्ता ने बताया कि 27 मई को प्रसव पीड़ा होने पर वह पत्नी को एसएनएमएमसीएच के स्त्री रोग विभाग में डॉ. राजलक्ष्मी तुबिद की यूनिट में लेकर गए थे। सिजेरियन डिलीवरी से निशा ने बेटे को जन्म तो दिया, लेकिन 28 मई से ही उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। यूरिन रुक-रुक कर पास हो रहा था और उसकी हालत लगातार खराब होती गई।
स्थिति गंभीर होने पर उसे रिम्स रेफर किया गया, जहां जांच और इलाज की लंबी प्रक्रिया के दौरान अंततः अल्ट्रासोनोग्राफी से यह सामने आया कि उसके शरीर में प्लेसेंटा फंसा हुआ है। डॉक्टरों के अनुसार, प्लेसेंटा यूरिन नली के पास फंसा था, जिसके कारण यूरिन पूरी तरह बंद हो गया और दोनों किडनी खराब हो गई। तीन सप्ताह तक इलाज के बाद गुरुवार रात को निशा ने दम तोड़ दिया। निशा की मौत के बाद परिजन और ग्रामीण एसएनएमएम सीएच धनबाद के चिकित्सकों के खिलाफ आक्रोशित हैं।
