बोकारो जिले का एक ऐसा गांव… जहां आजादी के 78 वर्ष बाद चांदमुनी बनी गांव की पहली मैट्रिक पास लड़की 

Gomia (Bokaro) : भारत को आजाद हुए तकरीबन 78 वर्ष और झारखंड को राज्य बने 25 वर्ष तो बोकारो को जिल बने 35 वर्ष होने को है। ऐसे में जिले के एक गांव की पहली लड़की मैट्रिक पास कर नया इतिहास रचती है। 

पूरा गांव खुश होता है लेकिन सवाल यह है कि क्या सचमुच देश और राज्य की सरकार तथा जिला प्रशासन को इस पर खुश होने – गर्व करने का अधिकार है ?

 

गोमिया प्रखंड के पचमो पंचायत का सिमराबेड़ा गांव इस वर्ष अत्यधिक खुश है। कारण यह है कि इस आदिवासी बहुल गांव में पहली बार किसी ने मैट्रिक पास किया है। गांव को यह गर्व भरी ऐतिहासिक खुशी प्रदान कि है चांदमुनी ने। चांदमुनी को मैट्रिक की परीक्षा में 56.08 प्रतिशत अंक आया है। इनके पिता अरजलाल किस्कू आंध्रप्रदेश में राजमिस्त्री का काम करते हैं और मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। चांदमुनी ने प्राथमिक शिक्षा सिमराबेड़ा के में ग्रहण की। इसके बाद कस्तूरबा विद्यालय, तेनुघाट में 07 वीं कक्षा में नामांकन लिया। इस वर्ष मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद इसी विद्यालय से आगे की पढ़ाई कर रही है।

बोकारो के इस गांव में देश की स्वतंत्रता के करीबन 78 वर्ष , झारखंड के निर्माण के 25 वर्ष और बोकारो के गठन के 35 वर्ष होने के बाद आई इस खुशी को सेलिब्रेट करने पहुंचे इस क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज कुमार पहाड़िया और आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका अनिता कुमारी ने चांदमुनी को मिठाई खिलाकर और शॉल प्रदान कर गांववासियों की खुशी को और भी बढ़ा दिया। जिला प्रशासन आने वाले 15 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस पर चांदमुनी को सम्मानित करने का विचार कर रहा है।

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