फर्जीवाड़ा कर पुर्व मुखिया पति व पंसस ने असहाय दंपति की मृत्यु के पश्चात उनके पीएम आवास का लाभ लिया अपने नाम 

 

Ashok Kumar Mahto

Kasmar (Bokaro):   जिले के कसमार प्रखंड के दुर्गापुर पंचायत के पूर्व मुखिया पति व पूर्व पंचायत समिति सदस्य रामकिशुन महतो के द्वारा फर्जीवाड़ा कर पीएम आवास का लाभ लेने का मामला सामने आया है। 

जानकारी के अनुसार पूर्व मुखिया पति ने असहाय बुजुर्ग दंपति मधु महतो व चिनिया देवी नामक लाभुक जो अब इस दुनिया में नहीं रहे और कोई बारिशान भी नहीं रहा। उस बुजुर्ग का वर्ष 2020 में निधन के बाद पूर्व मुखिया पति ने उस बुजुर्ग के नाम प्रतीक्षा सूची में शामिल पीएम आवास फेमिली आईडी में छेड़छाड़ कर अपना नाम एड करा लिया। यह कार्य उसने तत्कालीन मुखिया पति और पूर्व पंसस होने का प्रभाव से किया। अब जब पीएम आवास का आवंटन आया तो अपने नाम स्वीकृत कराकर पहली किस्त 40 हजार रूपये का भुगतान भी अधिकारियों को गुमराह कर प्राप्त कर लिया। जबकि पूर्व मुखिया पति का दो मंजिला मकान निर्मित है। 

जानकारी के अनुसार बुजुर्ग दंपति मधु महतो का सेक डाटा 2011 के अनुसार राशन कार्ड भी निर्गत है। जिसका क्रमांक 202002026857 है। जिसमें मधु महतो मुखिया स्वयं, चिनिया देवी पत्नी और सुजीत कुमार महतो नाती का नाम दर्ज है। जो आश्रय के लिए साथ में रहता था। फिलहाल दोनों बुजुर्ग दंपति की मृत्यु के बाद सिर्फ सुजीत कुमार महतो का राशनकार्ड में नाम दर्ज जो नियमित रूप से राशन का उठाव भी कर रहा है। 

 पीएम आवास फैमिली आईडी क्रमांक-JH122404737 में सर्च करने पर पता चलता है कि लाभुक मधु महतो का जीओ टैग में दो-दो फोटो अपलोड है। बुजुर्ग पत्नी चिनिया देवी की मृत्यु वर्ष 2016 में हो चुकी है । दंपति को कोई  वारिशान पुत्र नही, सिर्फ एक पुत्री है। जिसका पुत्र सुजीत कुमार महतो है। जबकि पूर्व पंसस के पिता की साधु महतो की मृत्यु वर्ष 2005 में ही हो चुकी है। लेकिन पूर्व पंसस द्वारा चालाकी से मधु महतो की मृत्यु के पश्चात उनके नाम का पीएम आवास का लाभ अपने लेने के फिराक में मधु महतो को अपना पिता बता रहा। पूर्व पंसस ने पंचायत सचिव गीता देवी व मुखिया अमरेश कुमार महतो के सहयोग से मधु महतो के नाम प्रतिक्षा सूचि में शामिल आवास को स्वीकृत कराकर पहली किस्त का भुगतान अवैध तरीके से प्राप्त किया। मुखिया अमरेश कुमार महतो ने बताया कि इस तरह फर्जीवाड़ा कर आवास स्वीकृति की जानकारी उन्हें नहीं है। उनके बगैर सहमति के पंचायत सचिव के द्वारा अपने मनमानी से यह जलसाजी कार्य किया गया है। 

वहीं मामला प्रकाश में आने के बाद पंचायत सचिव गीता देवी द्वारा होल्ड कर दिये जाने की बात कही जा रही है। इस संबंध में कसमार बीडीओ नम्रता जोशी का कहना है कि मामले की जांच के बाद ही उचित कार्रवाई की जा सकती है।

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