Bokaro : धरती आबा बिरसा जयंती के अवसर पर कसमार में निशा भगत का विवादित बोल कहा ; कुड़मि लोभी पत्तलचाटा कुकुर हैं, हक अधिकार मांगा तो दौड़ा दौड़ा कर पीटेंगे।
जी हां, यह बोल है आदिवासी नेत्री निशा भगत का। भगत ने एक बार फिर बोकारो जिले के कसमार में बिरसा जयंती के अवसर पर आयोजित सभा से कुड़मि जाति के खिलाफ ज़हर उगला है। भगत ने कुड़मि जाति के खिलाफ आपत्तिजनक भाषण दिया है। उस वक्त मंच पर कुड़मि जाति की मुखिया सरिता देवी एवं उपमुखिया उमा देवी भी बतौर अतिथि मौजूद थी। बावजूद इसके भगत ने बेधड़क ऐसी आपत्तिजनक भाषण दिया। इसके बाद यह बात तुरंत फैल गई। आक्रोशित कुड़मि समाज के लोग पिरगुल चौक पर जमा हो गये तथा निशा भगत का घेराव करने के लिए बरलंगा-नेमरा- कसमार पथ को जाम कर दिया। भारी तनाव व विरोध का माहौल को भांपते हुए आयोजन समिति ने भगत को चौड़ा-नेमरा के रास्ते गोला होते हुए रांची के लिए रवाना करा दिया। उस वक्त शाम का अंधेरा ढल गया था। मौके पर मौजूद मुखिया सरिता देवी ने बताया कि बिरसा मुंडा के जीवन का संघर्ष इतिहास पर वक्तव्य देते देते निशा भगत ने कुड़मि जाति को आरक्षण का लोभी कहते हुए पत्तलचाटा कुकर तक कह दिया। इससे हमलोग भी आश्चर्यचकित रह गये। कार्यक्रम में मौजूद कुछ कुड़मि युवाओं के द्वारा आपत्ति जताई गयी। इससे उग्र माहौल को देखते हुए समिति के द्वारा सुरक्षित तरीके से निशा भगत को कार्यक्रम स्थल से भगा दिया गया।
इधर पिरगुल चौक जो सप्ताह भर पहले शहीद रघुनाथ महतो चौक से नामकरण किया गया है। पिड़गुल, मुड़हुल, सूदी आदि से कुड़मि पंहुच गये और चौक पर निशा भगत का पुतला दहन और खिलाफ में नारेबाजी कर विरोध जताया। सूचना पाकर कसमार थाना पुलिस बल भी पिडगुल चौक जायज़ा लेने पंहुची। तबतक मामला शांत हो गया था। इधर कार्यक्रम के आयोजक समिति के खिलाफ कुड़मियों का आक्रोश दिख रहा था। कुछ लोगों का कहना था कि जब निशा भगत लगातार कुड़मियों के खिलाफ विवादित बयान दे रही है जिससे राज्य भर तनाव है। ऐसे हालात में बिरसा जयंती पर निशा भगत को क्यों आमंत्रित किया गया। अगर कहीं माहौल बिगड़ता तो जिम्मेवारी किसकी होती। आयोजन समिति ने प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली है।

